नैदानिक अनुप्रयोग और प्रमुख लाभ
980nm और 1470nm लेजर तरंगदैर्ध्य का एकीकरण एक अभूतपूर्व दृष्टिकोण के रूप में उभरा है। प्रॉक्टोलॉजीसटीकता, न्यूनतम आक्रमण और बेहतर रोगी परिणाम प्रदान करते हुए, यह द्वि-तरंगदैर्ध्य प्रणाली गुदा-मलाशय संबंधी विभिन्न स्थितियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए दोनों लेज़रों के पूरक गुणों का लाभ उठाती है।
नैदानिक अनुप्रयोग
1. बवासीर का इलाज
*980एनएम: गहरे ऊतक जमावट प्रदान करता है, जो उन्नत बवासीर में बड़ी रक्त वाहिकाओं को सील करने के लिए आदर्श है।
*1470एनएम: न्यूनतम प्रवेश के साथ सतही अवशोषण प्रदान करता है, जो आसपास के स्वस्थ म्यूकोसा को संरक्षित करते हुए बवासीर के ऊतकों के सटीक पृथक्करण के लिए एकदम सही है।
*परिणाम:पारंपरिक सर्जरी की तुलना में रक्तस्राव में कमी, बवासीर के बंडलों का सिकुड़ना, तथा तेजी से स्वास्थ्य लाभ।
*1470nm लेजर नियंत्रित ऊतक वाष्पीकरण और नसबंदी को बढ़ावा देता है, जबकि 980nm तरंगदैर्ध्य प्रक्रिया के दौरान रक्तस्तम्भन सुनिश्चित करता है।
*लाभ: पारंपरिक छांटने की तकनीक की तुलना में असंयम और संक्रमण का कम जोखिम।
3. पिलोनिडल साइनस और पेरिअनल फोड़े
*दोहरी तरंगदैर्ध्य प्रणाली पूर्ण साइनस पथ पृथक्करण (1470nm) के साथ-साथ जमावट (980nm) को सक्षम बनाती है, जिससे पुनरावृत्ति दर न्यूनतम हो जाती है
980nm + 1470nm संयोजन के प्रमुख लाभ
✅ उन्नत परिशुद्धतादोहरी तरंगदैर्ध्य सर्जनों को अनुकूलित उपचार के लिए गहरे जमावट (980nm) और सतही पृथक्करण (1470nm) के बीच स्विच करने की अनुमति देती है।
✅ रक्तस्राव और दर्द में कमी: 980nm तत्काल वाहिका सील सुनिश्चित करता है, जबकि 1470nm का सीमित थर्मल प्रसार ऊतक आघात को कम करता है।
✅ तेज़ रिकवरी: बाह्य रोगी प्रक्रिया जिसमें अधिकांश रोगी 1-2 दिनों के भीतर सामान्य गतिविधियां पुनः शुरू कर देते हैं।
✅ कम पुनरावृत्तिदरें: सहक्रियात्मक प्रभावों के कारण नालव्रण/साइनस में पूर्ण ऊतक विनाश।
✅ न्यूनतम निशान: सटीक लक्ष्यीकरण स्वस्थ ऊतकों को संरक्षित करता है, जिससे कॉस्मेटिक परिणामों में सुधार होता है।
एकल लेजर की बजाय दोहरी तरंगदैर्ध्य क्यों चुनें?
जबकि एकल-तरंगदैर्ध्य लेज़र (जैसे, अकेले 1470nm) सतही घावों के लिए प्रभावी हैं, 980nm+1470nm संयोजन जटिल मामलों के लिए बहुमुखी प्रतिभा प्रदान करता है, जैसे:
*सक्रिय रक्तस्राव के साथ बड़ी बवासीर
*गहरे फिस्टुला में एब्लेशन और कोएगुलेशन दोनों की आवश्यकता होती है
*एंटीकोएगुलंट्स पर रोगी (बेहतर हेमोस्टेसिस नियंत्रण)
साक्ष्य-आधारित परिणाम
हाल के अध्ययनों की रिपोर्ट:
*बवासीर चिकित्सा में 90% से अधिक रोगी संतुष्ट (रबर बैंड बंधाव के साथ 70-80% की तुलना में)।
*दोहरी तरंगदैर्ध्य के साथ इलाज किए गए पिलोनिडल साइनस के लिए पुनरावृत्ति दर <5% बनाम सर्जरी के बाद 15-20%।
निष्कर्ष
980nm+1470nm दोहरी-तरंगदैर्ध्य लेज़रप्रॉक्टोलॉजी में एक क्रांतिकारी बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जो सुरक्षित और अधिक कुशल उपचारों के लिए दो तरंगदैर्ध्यों की शक्तियों का सम्मिश्रण करता है। इसकी नैदानिक बहुमुखी प्रतिभा, तीव्र रिकवरी और उच्च सफलता दर के साथ, इसे आधुनिक कोलोरेक्टल उपचारों के लिए एक अनिवार्य उपकरण बनाती है।
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पोस्ट करने का समय: जून-04-2025